ॐ श्री मार्कंडेय महादेवाय नमः

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामयाः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग्यवेत्।
सब सुखी हों । सभी निरोग हों । सब कल्याण को देखें । किसी को लेसमात्र दुःख न हो ।

Pandit Uday Prakash
Astrologer, Vastu Consultant, Spiritual & Alternative Healers

सोमवार, 30 मार्च 2020

kaun sa rudraksh pahnana chahie । कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए

kaun sa rudraksh pahnana chahie। कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए 

kaun sa rudraksh pahnana chahie, रुद्राक्ष पहनने के फायदे, rudraksha benefits in hindi
रूद्राक्ष

माना जाता है कि रुद्राक्ष इंसान को हर तरह की हानिकारक ऊर्जा से बचाता है। इसका इस्तेमाल सिर्फ तपस्वियों के लिए ही नहीं, बल्कि सांसारिक जीवन में रह रहे लोगों के लिए भी किया जाता है। मेरे पाठकगण मैंने अपने पिछले लेख
में सात मुखी रुद्राक्ष तक के उपयोग और उपयोगिता के बारे में लिखा था अब आप उसके आगे का लेख पढ़ें..

रुद्राक्ष के ऐसे तो कई फायदे हैं, लेकिन रुद्राक्ष को लेकर यह भी धारणा है कि मंत्र जाप और ग्रहों को नियंत्रित करने के लिए रुद्राक्ष को सबसे उत्तम बताया गया है। केवल रुद्राक्ष की माला ही ऐसी माला होती है जिसे किसी भी प्रकार के जप के लिये उपयोग किया जा सकता है। रुद्राक्ष की माला की इतनी खूबियों के कारण ही आज यह अमेरिका, जापान, जर्मनी, इंगलैंड आदि पश्चिमी देशों में बहुत लोकप्रिय है। ग्रंथों में कहा गया है कि रुद्राक्ष की माला को मंत्रों के द्वारा शुद्ध, पवित्र और ऊर्जावान करके ही पहना जा सकता है। तब रुद्राक्ष निश्चय ही काम करता है और अगर यह शुद्धता की कसौटी पर भी खरा उतरा हो तो यह और भी अधिक शक्तिशाली और प्रभावी हो सकता है बशर्ते कि निरंतर जप और हवन से इसकी ऊर्जा और शक्ति को बढाया जाये।

आठ मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 8 MUKHI RUDRAKSHA

अष्टमुखी रुद्राक्ष अष्टदेवियों का प्रतिनिधि है तथा भगवान गणेश का रूप है।आठ मुखी रुद्राक्ष ज्ञान, विद्या को प्रदान करने वाला होता है। इसे धारण करने से व्यक्ति में इन्द्रीयों को नियंत्रित करने की शक्ति प्राप्त होती है तथा भूत,प्रेत जैसी बाधाओं का भय समाप्त होता है। आठ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से द्वेष, ईर्ष्या जैसे भाव दूर होते हैं. मन में आस्था तथा सात्विक विचारों का प्रवाह होता है। इसे पहनने से मन एकाग्र रहता है भटकाव से मुक्ति मिलती है। मुकदमे में विजय प्राप्त होती है।दुर्घटना एवं शत्रुओं से रक्षा होती है। अष्ट मुखी रुद्राक्ष को विनायक अर्थात विध्नहर्ता माना जाता है।यह व्यापार में सफलता सट्टे, जुए तथा आकस्मिक धनप्राप्ति में सहायक होता है।इसे धारण करने वाले व्यक्ति पर किसी भी प्रकार के तांत्रिक क्रियाओं का असर नहीं होता उसकी हर तरफ विजय होती है।

नव मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 9 MUKHI RUDRAKSHA

माता दुर्गा के नौ रूप हैं और नौ मुखी रुद्राक्ष उनके हर एक रूप का प्रतिनिधित्व करता है। नौ मुखी रुद्राक्ष को भैरव तथा कपिल-मुनि का प्रतीक माना गया है। इस रुद्राक्ष को जो जातक धारण करता है उस पर माता का आशीर्वाद बना रहता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से राहु-केतु के कुप्रभावों से सदा बचा जा सकता है। श्री यंत्र की पूजा के समय इसे धारण करने से अपार सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसे बाईं भुजा में पहनना शुभ माना जाता है।

दश मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 10 MUKHI RUDRAKSHA

दस मुखी रुद्राक्ष साक्षात रूप से भगवान विष्णु का स्वरुप माना गया है।जन्मपत्री में कोई भी अशुभ ग्रह हो उसके प्रभाव को कम करने के लिए यह रुद्राक्ष अति उत्तम माना गया है। दस रुद्रों का आशीर्वाद होने के कारण से भूत प्रेत, डाकिनी शाकिनी, पिशाच व् ब्रह्म राक्षस जनित ऊपरी बाधाएं व् जादू टोने को दूर करने में यह रुद्राक्ष सहायता करता है।कानूनी परेशानियों में भी दस मुखीJरुद्राक्ष विजय दिलाता है। विष्णु जी का स्वरुप होने के कारण से धारक के प्रभाव को दसों दिशाओं में फैलता है। ग्रह बाधा के कारण जिस जातक का भाग्य उदय ना हो रहा हो उसके लिए भी दस मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ माना गया है। यह रुद्राक्ष असाध्य रोगों से छुटकारा भी दिलाता है ऐसा कई ग्रन्थों में वर्णित है इसलिए सभी को अपने कल्याण के लिए दस मुखी रुद्राक्ष को सोमवार के दिन शिवलिंग से स्पर्श कराके धारण करना चाहिए।

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 11 MUKHI RUDRAKSHA

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को भगवान हनुमान जी का प्रतीक माना गया है। यह धारक को सही निर्णय लेने की क्षमता देता है । यह बल और बुद्धि प्रदान करता है तथा शरीर को बलिष्ट व् निरोगी बनाता है । यह ध्यान व् साधना में भी बहुत प्रभावी है । विदेश में स्थापित होने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए इस रुद्राक्ष का धारण लाभकारी है । इस रुद्राक्ष के धारणकर्ता को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है । इसे धारण करने से ज्ञान एवं भक्ति की प्राप्ति होती है। जिनके जीवन में सदा संघर्ष बना रहता हो, अधैर्य के कारण गलत निर्णय ले लेते हों, दिमाग में हमेशा परेशानी बनी रहती हो, जिसके कारण अपने को दुःखी तथा अपमानित महसूस करते हों या जिन्हें अक्सर किन्हीं कारणों से अपमान झेलना पड़ता हो उन्हें ग्यारह मुखी रुद्राक्ष अवश्य ही धारण करना चाहिए । पति की सुरक्षा, उसकी दीर्घायु एवं उन्नति तथा सौभाग्य प्राप्ति में यह रुद्राक्ष अत्यंत शुभ है। इस रुद्राक्ष को धारण करने पर रूद्र देव की कृपा प्राप्त होती है।

बारह मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 12 MUKHI RUDRAKSHA

बारहमुखी रुद्राक्ष को बारह पंथो से जोड़ कर देखा जाता है। इस रुद्राक्ष का वर्णन श्रीमद देवी भागवत पुराण में भी मिलता है। बारहमुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह बारह सूर्य हैं। संतान सुख, शिक्षा, धन, ऐश्वर्य, ख्याति आदि सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए बारहमुखी रुद्राक्ष को बेहद महत्व दिया जाता है। इस रुद्राक्ष को कोई भी धारण कर सकता है लेकिन जिन जातकों की कुंडली में सूर्य कमजोर हो उनके लिए यह अत्यंत शुभ माना जाता है। जिन्हें राज्यसत्ता की चाह हो उन्हें बारह मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।

तेरह मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 13 MUKHI RUDRAKSHA

तेरह मुखी रुद्राक्ष समस्त कामनाओं की पूर्ति करता है। तथा दांपत्य जीवन को सुखद एवं ख़ुशियों से भरपूर बनाता है। इच्छा भोगों की प्राप्ति होती है, तेरह मुखी रुद्राक्ष को कामदेव का स्वरूप माना गया है, यह सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला है। इसका उपयोग करने से सुख भोग प्राप्त होते हैं, इस रुद्राक्ष में कामदेव एवं रति का निवास है, इस कारण ये रुद्राक्ष धारण करने से वैवाहिक जीवन की समस्त ख़ुशियाँ प्राप्त होती हैं. साधु, तपस्वी और योगीजन तेरहमुखी रुद्राक्ष की आध्यात्मिक उपलब्धियों हेतु इसे धारण करते हैं। तेरह मुखी रुद्राक्ष इच्छाओं और सिद्धि को देने वाला है। त्रयोदशमुखी रुद्राक्ष को विश्वेश्वर भगवान का रूप माना गया है। यह अर्थ एवं सिद्धियों को पूर्ण करने वाला है। मान-सम्मान और कीर्ति देने वाला यह रुद्राक्ष धारक को धन संपदा से युक्त कर देता है। इसे इन्द्र का स्वरुप भी माना गया है।

चौदह मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 14 MUKHI RUDRAKSHA

यह रुद्राक्ष बहोत प्रभावशाली है तथा थोड़े समय में ही शिवजी को खुश करने वाला यह रुद्राक्ष साक्षात देवमणि है। यह चौदह विद्या, चौदह मनु, चौदह लोक, चौदह इंद्र, का साक्षात देव स्वरूप है । चौदह मुख वाले रुद्राक्ष को वृक्ष से उत्पन्न सर्वदेवमय ,विशिष्ट व दुर्लभ रुद्राक्ष माना जाता है । यह दुर्लभ होने के साथ-साथ बहुत उपयोगी भी है । चौदह मुख वाले रुद्राक्ष में हनुमानजी की भी सम्पूर्ण शक्ति निहित रहती है । इसके असर से व्यक्ति सभी तरह के संकटों से मुक्त रहता है। हानि, दुर्घटना, रोग एवं चिंता से मुक्त रखकर साधक को सुरक्षा-समृद्धि देना इसका विशेष गुण है। चौदह मुख वाले रुद्राक्ष का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि भगवान शिव स्वयं चौदह मुख वाला रुद्राक्ष धारण किया करते थे इसीलिए चौदह मुख वाला रुद्राक्ष ही एकमात्र ऐसा रुद्राक्ष है जिसका एक दाना धारण करने से ही मनुष्य खुद साक्षात शिव स्वरूप हो जाता है । इस रुद्राक्ष को धारण करने से शनि व मंगल के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है तथा शक्ति -सामर्थ्य एवं उत्साह का वर्धन होता है और संकट समय संरक्षण प्राप्त होता है।

गौरी शंकर रुद्राक्ष के लाभ । GAURI SHANKAR RUDRAKSHA


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हमारे सभी शास्त्रों में प्राकृतिक रूप से आपस में जुड़े हुए दो रूद्राक्षों को गौरी शंकर रूद्राक्ष कहा गया है। यह गौरी शंकर रुद्राक्ष भगवान शिव एवं माँ पार्वती का प्रत्यक्ष स्वरूप हैI इसे जो भी धारण करता है उसे भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की कृपा प्राप्त होती है। जिसके घर में यह गौरी शंकर रुद्राक्ष होता है और उसकी नियमित पूजा होती है वहां लक्ष्मी का स्थाई वास हो जाता है तथा उसका घर धन-धान्य, प्रतिष्ठा, वैभव, यश-कीर्ति और दैवीय कृपा से भर जाता है।
जो व्यक्ति एक मुख वाला अथवाचौदह मुख वाला रुद्राक्ष पहनना चाहते हों और उसका मूल्य न चूका पा रहा हो या वह उपलब्ध न हो पा रहा हो तो उसे श्रधा पूर्वक गौरी -शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ,क्योंकि एक मुख वाले और चौदह मुख वाले के समान ही हर तरह की सिद्धियों को प्रदान करने वाला रूद्राक्ष है। यह अपने आप में वशिष्ट रुद्राक्ष है ।

यह रूद्राक्ष गृहस्थ सुख की प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इसलिए जिन लोगों का दांपत्य जीवन ठीक नहीं चल रहा है, या विशेष तौर से जिन युवक-युवतियों के विवाह में विलंब हो रहा हो उन्हें मनचाहा जीवन साथी न मिल पा रहा हो उन्हें गौरी शंकर रूद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए, इसके धारण करने मात्र से हर तरह की वैवाहिक मुश्किलें आसान हो जाती हैंI तथा जिन स्त्रियों को संतान का सुख प्राप्त नहीं हो पा रहा हो, वह गर्भ नहीं धारण कर पा रही हों उन्हें पूर्ण विश्वाश से यह गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए शिव व माता भगवती की कृपा सर उनका मनोरथ जरुर पूर्ण होगा ।

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