lucky city according to vastu । वास्तु अनुसार किस शहर में रहना लाभकारी होगा
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vastu varga chart |
निवास के योग्य स्थान जानने के लिए आप को कुछ निम्नलिखित बातों को सर्वप्रथम जानना होगा _ क्यों की आप के स्थान का पहला अक्षर किस वर्ग से है यह निर्धारित होने के पश्च्यात ही इसका लाभ उठाया जा सकता है। सबसे पहले ऊपर दिए हुए चित्र को भली प्रकार देख लें फिर निम्नलिखित सूत्रों का ध्यान दें।
वास्तु शास्त्र में दिशा का ज्ञान
वास्तुशास्त्र में वर्ग सारिणी
* वर्ग ( अ )अ, आ, ई, उ, ए, ओ संख्या (1)* वर्गेस गरूड
* दिशा पूर्व (East)
* वर्ग ( क ) क, ख, ग, घ, ङ संख्या (2)
* वर्गेस विडाल
* दिशा आग्नेय (South/East )
* वर्ग ( च ) च, छ, ज, झ, संख्या (3)
* वर्गेस सिंह
*दिशा दक्षिण (South)
* वर्ग ( ट ) ट, ठ, ड, ढ, ण संख्या (4)
* वर्गेस श्वान
* दिशा नैऋत्य (South/West)
* वर्ग ( त ) त, थ, द, ध, न संख्या (5)
* वर्गेस सर्प
* दिशा पश्चिम ( West )
* वर्ग ( प ) प, फ, ब, भ, म संख्या (6)
* वर्गेस मूसक
* दिशा वायव्य (North/West )
* वर्ग ( य ) य, र, ल, व संख्या (7)
* वर्गेस गज ( मृग )
* दिशा उत्तर ( North )
* वर्ग ( श ) श, ष, स, ह संख्या (8)
* वर्गेस मेष ( शशक )
* दिशा ईशान (North/East )
अब इनका आपस में शत्रुता, मित्रता और सामान भाव भी जानें
वर्गेस शत्रु.
गरुङ सर्प
मार्जर. Cat मूषक
सिंह हिरण ( मृग )
श्वान मेष.
मार्जर. Cat मूषक
सिंह हिरण ( मृग )
श्वान मेष.
यह आपस में परस्पर शत्रु होते हैं।
अपने वर्ग से पांचवां शत्रु होता है।चौथा वर्ग मित्र एवं तीसरा वर्ग उदासीन ( सम ) होता है।
अपने वर्ग से पांचवां शत्रु होता है।चौथा वर्ग मित्र एवं तीसरा वर्ग उदासीन ( सम ) होता है।
वर्गेस मित्र
गरुङ श्वान
मर्जर Cat सर्प
सिंह मूषक
सर्प मेष
मूषक गरुङ
हिरन मर्जर. Cat
मेष सिंह
यह परस्पर मित्र होते हैं।
वर्गेस सम. Neutral
गरुङ सिंह
मर्जर श्वान
सिंह सर्प
श्वान मूषक
सर्प मृग. Hart
मूषक मेष
मृग गरुङ
मेष मार्जर. Cat
यह आपस में सम होते हैं अर्थात न शुभ और न अशुभ
अपने नाम से वर्ग ऐसे निकाले-
जैसे- क, ख, ग, घ, ड. इन अक्षरों से सुरु होने वाले नाम क वर्ग के होंगे ।च, छ, ज, झ.... आदि से सुरु होने वाले नाम च वर्ग के होंगे ।
इसी तरह आप अपने नाम के हिंदी वर्णाक्षर से अपना वर्ग निकाल सकते हैं।
और उस वर्ग की मित्र दिशा, सम दिशा अथवा शत्रु दिशा भी जान सकते हैं । दिशा के शुभा-शुभ फल का उपयोग जीवन के अन्य पहलुओं में भी किया जा सकता है।
उदाहरण
आइये उदाहरण से जानने का प्रयास करें? सर्वप्रथम आप के शहर या आप की एरिया के नाम का पहला अक्षर जानें और फिर उसकी दिशा क्या है।
प्रश्न है जैसे – नानकचंद्र को ग्वालियर में रहना है।
उत्तर- अब नानकचंद्र का “वर्ग” ( त ) है।
और दिशा पश्चिम ( West ) है।
ग्वालियर का “वर्ग” ( क ) है।
और दिशा आग्नेय (South/East ) है।
इसतरह नानकचंद्र के वर्ग से ग्वालियर का वर्ग छठा है। अतः नानकचंद्र के लिए ग्वालियर योग्य स्थान है।
इसी तरह लाभ-हानि भी ज्ञात कर सकते हैं
जैसे-
नानकचंद्र की वर्ग संख्या 5
ग्वालियर की वर्ग संख्या 2
पहले साधक ( नानकचंद्र ) की वर्ग संख्या
फिर साध्य ( ग्वालियर ) की वर्ग संख्या को मिलाएं जैसे 5 और 2 = 52
अब इस 52 में 8 से भाग दें
52÷8 शेष बचा ( 4) यह साधक का “धन”
अब इसी संख्या को उल्टा करें जैसे 5 2 का उल्टा 25
अब इस 25 में भी 8 से भाग दें
25÷8 शेष बचा (1)यह साधक का “ऋण”
इससे यह सिद्ध हुआ की साधक “नानकचंद्र”
साध्य “ग्वालियर” में निवास करने से
4 का लाभ और
1 खर्च होता रहेगा जो एक उत्तम योग है, इसमे नानकचन्द्र का जहाँ ग्वालियर शहर में रहने पर लाभ ज्यादा है और उसका खर्च बहोत कम, तो नानकचन्द्र हमेसा प्रगति कर सकेगा ।
प्रिय पाठकों इसी तरह से हम किसी भी व्यक्ति के नाम के आधार पे बड़ी सरलता से यह जान सकते हैं की कौन सी जगह अर्थात city उसके लिए लाभदायक है या नुकसान देने वाली है। आप का वास्तु से संबंधित किसी भी प्रकार का प्रश्न है तो आप मुझसे पूछ सकते हैं
।।इति शुभम्।।
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