ॐ श्री मार्कंडेय महादेवाय नमः

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामयाः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग्यवेत्।
सब सुखी हों । सभी निरोग हों । सब कल्याण को देखें । किसी को लेसमात्र दुःख न हो ।

Pandit Uday Prakash
Astrologer, Vastu Consultant, Spiritual & Alternative Healers

सोमवार, 6 अप्रैल 2020

mesh lagna ke liye ratna I मेष लग्न के लिए रत्न

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रत्न का चुनाव सामान्यतः जन्मकुण्डली में “भाग्य भाव” जिसे कुंडली में नवम भाव भी कहते हैं, का स्वामी भाग्येश कहलाता है । भगयेश का रत्न पहनने से भाग्य प्रबल होता है । यदि भाग्येश के साथ केंद्र ( 1, 4, 7, 10 ) तथा त्रिकोण का स्वामी शुभ योग बनाकर कुंडली में बलि स्थिति में हो तो, ऐसे व्यक्ति के लिए भाग्य के स्वामी ग्रह का रत्न धारण करना उच्च स्तरीय सफलता दिलाता है। यदि भाग्य का स्वामी निर्बल हो तथा उसका जन्मकुंडली के अन्य शुभ एवं योगकारक ग्रहों से कोई सम्बन्ध नहीं हो, तो ऐसे व्यक्ति को भगयेश का रत्न उतनी सफलता नहीं देता । ऐसी स्थिति में लग्नेश या पंचमेश ग्रह का उनकी स्थिति के अनुसार पहनने से जीवन में सफलता मिलती है।

रत्न विज्ञान ज्योतिष


रत्नों का चुनाव करने में लग्न की स्थिति विशेष महत्वपूर्ण होती है। विभिन्न लग्नो के लिए कौन- कौन से रत्न शुभ या अशुभ होते हैं । जानने के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। पं. उदय प्रकाश शर्मा


शुभ रत्न का चुनाव करते समय यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए की जिस ग्रह के रत्न को आप धारण करने वाले है, वह जन्मकुण्डली में शुभ भावों का स्वामी हो, यदि कोई ग्रह अशुभ भावों का स्वामी होकर आप को पीड़ित कर रहा हो, तो उसकी शांति हेतु मन्त्र जप, पूजा-अनुष्ठान आदि करवाना लाभप्रद होता है।



मेष लग्न में रत्न का चुनाव


यह सत्य है की लग्न ही व्यक्तित्व का परिचायक होता है, मेष लग्न हिम्मत और पराक्रम का लग्न होता है, इस लग्न के जातक तेज तर्रार और बलशाली होते हैं, यह असंभव को संभव करने वाले जुझारू प्रवित्ति के व्यक्ति होते हैंI आइये जानते हैं कि इस लग्न के जातकों को कौन कौन सा रत्न धारण करना चाहिए और कौन से रत्न से परहेज करना चाहिए?

मेष लग्न में सूर्य रत्न माणिक्य Ruby 

मेष लग्न के लिए सूर्य पंचम भाव का स्वामी होकर शुभ ग्रह बनता है। अतः उच्च शिक्षा में सफलता, संतान सुख अथवा अपने उच्चाधिकारियों की कृपा प्राप्ति, मंत्री पद, मान-सम्मान हेतु माणिक्य रत्न धारण करना शुभ होगा। पर माणिक्य भी तभी धारण करना चाहिए जब सूर्य जन्म कुंडली के 2, 6, 7, 8, 12 भाव में न हो । 

मेष लग्न में चन्द्र रत्न मोती  Pearl

इस लग्न में चंद्रमा चतुर्थ भाव का स्वामी होता है। यदि चन्द्रमा जन्मकुण्डली में निर्बल हो तो आप को मानसिक एवं पारिवारिक समस्याएं घेरे रहेंगी। अतः ऐसी स्थिति में जीवनपर्यंत मोती रत्न धारण करना लाभप्रद होगा। मोती आप के मन को मजबूत करेगा, माँ का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, सुख साधनों में वृद्धि करेगा, तथा मकान लेने का योग बनाएगा।
फिर भी अपने ज्योतिषी से परामर्श अवश्य ले लें।  अगर  चन्द्रमा 1, 2, 4, 5, 7, 9, 10, 11 वें भाव में हो तो मोती रत्न खूब लाभदायक होगा  वहीँ अगर चन्द्र 3, 6, 8 वें भाव में हो तो इसे  न धारण करें। 

मेष लग्न में मंगल रत्न मूंगा  Coral

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इस लग्न में मंगल लग्न और अष्टम भाव का स्वामी होता है। लग्नेश अगर किसी अशुभ भाव का स्वामी हो तब भी कुछ शुभ होता है। यहाँ मंगल की मूलत्रिकोण राशि लग्न में है ज्यादा फल मंगल लग्न का ही देगा अतः आप को जीवन में सफलता, मान प्रतिष्ठा एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी सफलता के लिए मुंगा रत्न धारण करना चाहिए। पर मंगल (3, 4, 6, 7, 8, 12 ) वे स्थान पे नहीं होना चाहिए। इस लग्न के व्यक्ति जरुरत से ज्यादा नरम मिजाज हो तो उन्हें “मुंगा” जोश और हिम्मत के साथ-साथ दैवीय कृपा व् लाभ के अवसर भी प्रदान करेगा। आयुष्य लम्बी करेगा।

मेष लग्न में बुध रत्न पन्ना  Emerald

इस लग्न के व्यक्ति के लिए पन्ना अनुकूल नहीं होता क्यों की वह तृतीय एवं षष्ठ भाव का स्वामी होता है। यदि जन्मकुण्डली में बुध ग्रह पीड़ित हो तो जीवन में व्यर्थ विवाद, अस्थिरता, धन हानि, ऋण एवं रोग पीड़ा का सामना करना पड़ता है। इससे बचने के लिए पन्ना धारण के स्थान पे बुध ग्रह का मन्त्र जप करना श्रेष्ठ होता है।

मेष लग्न में गुरु रत्न पुखराज Yelllo Topaz

पुखराज इस लग्न वालों के लिए भाग्यवर्धक होता है गुरु इस लग्न में नवम भाग्य भाव एवं द्वादश भाव का स्वामी होता है, परासर ज्योतिष के अनुसार द्वादशेश अपनी दूसरी राशि का फल करता है। अतः गुरु को पुखराज पहन कर बलवान् किया जाये तो जीवन में मान प्रतिष्ठा, बुद्धि, बल, ज्ञान-विज्ञान धन-धान्य, उच्च स्तरीय सफलता, परिवारिक सुख, बड़े लोगों से संपर्क, सरकरी नौकरी, एवं विदेश यात्रा से लाभ प्राप्त होगा। अगर कुंडली में मंगल शुभ भाव में हो तो मूंगा रत्न के साथ पुखराज धारण करना बहोत शुभ होगा, पर कुंडली में गुरु 3, 6, 8, 10 वें भाव में हो तो पुखराज धारण नहीं करना चाहिए।

मेष लग्न में शुक्र रत्न हिरा Daimond

इन लग्न के जातकों के लिए शुक्र रत्न हिरा पहनना शुभ नहीं होता। इस लग्न में जहाँ शुक्र दो शुभ भाव सप्तम व द्वितीय का स्वामी है वहीँ मारकेश भी बनता है, अगर यह शुभ फल देगा तो अशुभ फल भी देगाI अगर इसकी महादशा चल रही हो और यह कुंडली के शुभ भाव में हो तो जैसे 1, 2, 3, 4, 5, 7, 10, 11, 12 तो अपने ज्योतिषी से सलाह लेकर विशेष परिस्थितियों में धारण किया जा सकता है।

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मेष लग्न में शनि रत्न नीलम Blue sapphire

मेष लग्न के जातक को शनि का नीलम नहीं धारण करना चाहिए यहां शनि दशम, एकादश का स्वामी होकर अकारक ग्रह होता है, यह लग्नेश मंगल का शत्रु भी है अतः इस लग्न के जातकों को शनि रत्न नीलम धारण नहीं करना चाहिए, अगर यह 2, 4, 5, 7, 9,10 11 वें भाव में हो और उसकी दशा हो तो अपने ज्योतिषी से परामर्श लेकर विशेष परिस्थितियों में नीलम रत्न धारण किया जा सकता है पर मेरे अनुभव में यही है की मेष लग्न के जातक नीलम धारण करने से बचें।

मेष लग्न में राहू रत्न गोमेद Onyx 

मेष लग्न के जातकों को राहू रत्न गोमेद धारण नहीं करना चाहिए, अगर राहू की महादशा चल रही हो तो इसकी पूजा करना ही उचित होगा।

मेष लग्न में केतु रत्न लग्सुनिया Cat.s Eye

मेष लग्न के जातकों को केतु रत्न लहसुनियाँ न ही धारण करें तो उचित है फिर भी विशेष परिस्थितियों में अपने ज्योतिष से सलाह कर के 1, 3, 6, 9,11 वें भाव में केतु हो और शुभ प्रभाव में हो और इसकी महादशा चल रही हो तो धारण कर सकते हैं अन्यथा इस रत्न से दुरी ही भली। केतु की पूजा करना ज्यादा शुभ होगा। 

।।इति शुभम्।।

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