aroma vastu । अरोमा वास्तु और सुगंध चिकित्सा
सुगंध के हम सब दीवाने होते हैं, सुगंध जहां हमारे मन को सुकून देती है वहीं यह हमारे आस-पास के वातावरण को महका कर वहां की नकारत्मक उर्जा को भी समाप्त करती है। यह एक ऐसी चीज है जो पलक झपकते ही हमारे मूड तथा नर्वस सिस्टम पर सकारात्मक असर डालती है और हम भीनी-भीनी सुगंध में खो कर अपने तनाव को भूल कर प्रसन्न हो जाते हैं।
सौभाग्य से हमारे देश की मिट्टी में सुगंधित फल-फूल तथा औषधीय जड़ी-बूटियों की सम्पन्नता सदा से रही है जिसका हमारे पूर्वजों ने हमेसा विभिन्न रूपों में जैसे विविध प्राकृतिक फूल, फल, पत्ती, पौधों की जड़ उनके तने अथवा बीज के अर्क या तेल से निकलने वाली विशिष्ट सुगंधों का विशिष्ट प्रयोग तथा देवताओं की प्रसन्नता के लिए सुगंधित धूप व विभिन्न फूलों जैसे केवड़ा, चमेली, मोगरा, गुलाब आदि के इत्र, का प्रयोग सदियों पूर्व से ही किया है।
एसेंशियल ऑयल सुगंधित और काफी आरामदायक होते हैं। ये हमे मानसिक सुकून देते हैं व हमारे दिमाग को ताजा रखते हैं। कुछ एसेंशियल ऑयल हैं जिन्हें शरीर पर लगाने से शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है। वहीं ये दिमाग को आराम पहुंचाने के साथ चिंता की भावना को भी कम करते है। एसेंशियल ऑयल जैसे लैवेंडर ऑयल, लाइम ऑयल, ग्रेपफ्रूट ऑयल आदि हमें तनाव से छुटकारा दिलाने और दिमाग को शांत करने में हमारी मदद करते हैं। शोध में भी यह पाया गया है कि Essential Oils का दिमाग और शरीर पर जबरदस्त प्रभाव होता है। ज्यादातर एसेंशियल ऑयल रक्तचाप को नियंत्रित करने में हमारी मदद करते हैं और तनाव को कम करते हैं।
आजकल मार्किट में कई अलग-अलग फ्लेवर के एसेंशियल ऑयल मिलते हैं जिनमे कुछ प्रमुख ऑयल हैं जैसे- लेवेंडर, लेमनग्रास, रोज, ऑरेंज, पिपरमिंट आदि.. जिनकी सुगंध से हम सभी परिचित है।
वहीँ आज आज के समय में इन्हें ज्यादातर वास्तु विशेषज्ञ, ज्योतिषी, रेकी मास्टर अपने-अपनेे ज्ञान तथा अनुभव के अनुसार इनका मिश्रित प्रयोग कर के चमत्कारी प्रभाव प्राप्त कर रहे हैं। मेरे प्रिय पाठकों आइये जानते हैं की इन अलग-अलग फ्लेवर्स के
पिपरमिंट ऑयल Peppermint Oil
पिपरमिंट एसेंशियल ऑयल तनाव और चिंता से छुटकारा पाने के लिए बेहद उपयोगी है। इसमें मेन्थॉल मौजूद होता है जो मन को शीतल करता है। यह हमको सचेत रखने में हमारी मदद करता है और मन की बेचैनी को कम करता है। हम इसे भी रुम फ्रेशनर की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा इसे अपने कंधे, कलाई और गर्दन पर भी इसे लगा सकते हैं।
ऐसे अनेक फ्लेवर मौजूद हैं जिनका बहुताय प्रयोग होता है। इन प्राकृतिक सुगंधों के द्वारा जहां हमारे मन को सुकून प्राप्त होता है वहीँ हमारे शरीर के सातों ऊर्जा चक्रों मूलाधार, स्वाधिष्ठाना.... आदि कि चिकित्सा (संतुलन) संभव है साथ ही हमारे रहने के स्थान ( हमारे भवन ) की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर वहां पर वास्तुरूपक सकारात्मक ऊर्जा का सृजन भी इन अरोमा पद्धति द्वारा किया जा सकता हैं।
अरोमा ऑइल को उपयोग करने के विभिन्न तरीके हैं जैसे- इन्हें सूंघ कर (Inhale), सीधे अथवा जैतून के तेल में मिक्स कर असंतुलित चक्र से संबंधित स्थान पर त्वचा पे लगा कर, स्प्रे की बॉटल में डालकर पानी के साथ कमरे में स्प्रे ( छिड़काव ) कर के तथा डिफ्यूजर अथवा वेपोराइजर में डालकर भाँप ( Steam ) ले कर किया जा सकता है ।
घर मे अत्यधिक मात्रा में नेगेटिव ऊर्जा होने पर एक कांच की कटोरी में अक्खा नमक की डली में कुछ बूंदें उस ऑइल की जिनको वास्तु दोष अथवा नकारात्मक ऊर्जा को प्रायः दूर करने के लिए वास्तु शास्त्री प्रयोग में लाते हैं डालकर घर के मुख्य दरवाजे पर रखने से घर की कैसी भी नकारात्मक ऊर्जा वहां से गायब हो जाती है।
।।इति शुभम्।।
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सौभाग्य से हमारे देश की मिट्टी में सुगंधित फल-फूल तथा औषधीय जड़ी-बूटियों की सम्पन्नता सदा से रही है जिसका हमारे पूर्वजों ने हमेसा विभिन्न रूपों में जैसे विविध प्राकृतिक फूल, फल, पत्ती, पौधों की जड़ उनके तने अथवा बीज के अर्क या तेल से निकलने वाली विशिष्ट सुगंधों का विशिष्ट प्रयोग तथा देवताओं की प्रसन्नता के लिए सुगंधित धूप व विभिन्न फूलों जैसे केवड़ा, चमेली, मोगरा, गुलाब आदि के इत्र, का प्रयोग सदियों पूर्व से ही किया है।
एसेंशियल ऑयल सुगंधित और काफी आरामदायक होते हैं। ये हमे मानसिक सुकून देते हैं व हमारे दिमाग को ताजा रखते हैं। कुछ एसेंशियल ऑयल हैं जिन्हें शरीर पर लगाने से शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है। वहीं ये दिमाग को आराम पहुंचाने के साथ चिंता की भावना को भी कम करते है। एसेंशियल ऑयल जैसे लैवेंडर ऑयल, लाइम ऑयल, ग्रेपफ्रूट ऑयल आदि हमें तनाव से छुटकारा दिलाने और दिमाग को शांत करने में हमारी मदद करते हैं। शोध में भी यह पाया गया है कि Essential Oils का दिमाग और शरीर पर जबरदस्त प्रभाव होता है। ज्यादातर एसेंशियल ऑयल रक्तचाप को नियंत्रित करने में हमारी मदद करते हैं और तनाव को कम करते हैं।
आजकल मार्किट में कई अलग-अलग फ्लेवर के एसेंशियल ऑयल मिलते हैं जिनमे कुछ प्रमुख ऑयल हैं जैसे- लेवेंडर, लेमनग्रास, रोज, ऑरेंज, पिपरमिंट आदि.. जिनकी सुगंध से हम सभी परिचित है।
वहीँ आज आज के समय में इन्हें ज्यादातर वास्तु विशेषज्ञ, ज्योतिषी, रेकी मास्टर अपने-अपनेे ज्ञान तथा अनुभव के अनुसार इनका मिश्रित प्रयोग कर के चमत्कारी प्रभाव प्राप्त कर रहे हैं। मेरे प्रिय पाठकों आइये जानते हैं की इन अलग-अलग फ्लेवर्स के
लैवेंडर ऑयल Lavender Oil
लैवेंडर ऑयल हमारे दिमाग पर सूदिंग इफेक्ट डालता है। यह रिलैक्स करने और मानसिक शांति प्राप्त करने में हमारी मदद करता है। यह दिल की धड़कन को शांत करने में मदद करता है और तनाव से भी हमे राहत देता है। सिर दर्द को कम करने के लिए हम माथे पर लैवेंडर एसेंशियल ऑयल लगा सकते हैं।रोज ऑयल Rose Oil
रोज़ एसेंशियल ऑयल दिल को हील करने और चिंता से छुटकारा पाने में हमारी मदद करता है। इसकी खुशबू से तनाव कम होता है और पैनिक अटैक की संभावनाएं कम होती हैं। हम रोज़ एसेंशियल ऑयल को सांस के साथ इन्हेल करके अथवा डिफ्यूजर के द्वारा इसकी सुगन्धित खुशबू अपने घर में महसूस कर सकते हैं इससे हमे बहोत आराम मिलता है।लैमन ग्रास ऑयल Lemongrass Oil
लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल में कुछ ख़ास औषधीय गुण होते हैं और यह प्रभावी ढंग से हमारे तनाव को कम करता है। इसके खुशबूदार गुण चिंता और तनाव को दूर करने में हमारी मदद करते हैं। यह दिमाग को रिलैक्स करने में मदद करता है। हम इसे सीधे से सूँघ सकते हैं। इसके अलावा, हम लंबे समय तक राहत पाने के लिए घर व ऑफिस में इसे फ्रेशनर के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।ऑरेंज ऑयल Orange Oil
ऑरेंज एक सिट्रस फ्रूट है जो हमारी तंत्रिकाओं को शांत करने में हमारी मदद करता है। ऑरेंज एसेंशियल ऑयल का प्रयोग करने से चिंता और तनाव से छुटकारा पा सकते है। हम अपने दिल-दिमगा को शांत करने के लिए सीधे इसे सूंघ सकते हैं। अथवा इसे रुम फ्रेसनर के रूप में भी इस्तेमाल सकते हैं।![]() |
aroma vastu |
पिपरमिंट एसेंशियल ऑयल तनाव और चिंता से छुटकारा पाने के लिए बेहद उपयोगी है। इसमें मेन्थॉल मौजूद होता है जो मन को शीतल करता है। यह हमको सचेत रखने में हमारी मदद करता है और मन की बेचैनी को कम करता है। हम इसे भी रुम फ्रेशनर की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा इसे अपने कंधे, कलाई और गर्दन पर भी इसे लगा सकते हैं।
ऐसे अनेक फ्लेवर मौजूद हैं जिनका बहुताय प्रयोग होता है। इन प्राकृतिक सुगंधों के द्वारा जहां हमारे मन को सुकून प्राप्त होता है वहीँ हमारे शरीर के सातों ऊर्जा चक्रों मूलाधार, स्वाधिष्ठाना.... आदि कि चिकित्सा (संतुलन) संभव है साथ ही हमारे रहने के स्थान ( हमारे भवन ) की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर वहां पर वास्तुरूपक सकारात्मक ऊर्जा का सृजन भी इन अरोमा पद्धति द्वारा किया जा सकता हैं।
अरोमा ऑइल को उपयोग करने के विभिन्न तरीके हैं जैसे- इन्हें सूंघ कर (Inhale), सीधे अथवा जैतून के तेल में मिक्स कर असंतुलित चक्र से संबंधित स्थान पर त्वचा पे लगा कर, स्प्रे की बॉटल में डालकर पानी के साथ कमरे में स्प्रे ( छिड़काव ) कर के तथा डिफ्यूजर अथवा वेपोराइजर में डालकर भाँप ( Steam ) ले कर किया जा सकता है ।
घर मे अत्यधिक मात्रा में नेगेटिव ऊर्जा होने पर एक कांच की कटोरी में अक्खा नमक की डली में कुछ बूंदें उस ऑइल की जिनको वास्तु दोष अथवा नकारात्मक ऊर्जा को प्रायः दूर करने के लिए वास्तु शास्त्री प्रयोग में लाते हैं डालकर घर के मुख्य दरवाजे पर रखने से घर की कैसी भी नकारात्मक ऊर्जा वहां से गायब हो जाती है।
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