mangalwar ko janme log । मंगलवार को जन्मे लोग
अक्सर मुझे ऐसे लोग मिलते हैं जो कहते हैं पंडित जी मेरा फलां दिन का जन्म हुआ है मेरे बारे में कुछ बताइए, मुझे मेरी जन्म तिथि, दिनांक, सन, समय कुछ भी ज्ञात नहीं बस यही दिन पता है कि मेरा जन्म मंगलवार को हुआ है । तो यह आर्टिकल उन्हीं लोगों के लिए है।
मंगलवार के दिन जन्म लेने वाले व्यक्ति का स्वभाव । Tuesday Birth
मंगलवार के दिन जन्म लेने वाले जातक की प्रकृति गर्म होती है। यह पराक्रमी, वीर, साहसी एवं संग्राम में विजय प्राप्त करने वाले होते है। इसकी बुद्धि विशेष अच्छी नहीं होती, इसी से यह बौद्धिक कार्यों से अलग रहना पसंद करते है, परन्तु वीरता के कार्यों में आगे बढ़-चढ़ कर भाग लेने वाले होते है। प्रायः यह सांवले रंग के होते हैं पर इनमे आकर्षण शक्ति बहुत गजब की होती है जिसकी वजह से विपरीत लिंगी इनकी तरफ बहुत जल्दी आकर्षित होते हैं ।
यह लोग अपने शरीर को ही सब कुछ समझते हैं जैसे आज के समय में फ़िल्म अभिनेता, अभिनेत्री, जिम्नास्टिक आदि जो अपने शरीर को ही अपने कर्म का साधन बना लेते हैं, यह लोग रक्षा विभाग, पुलिस, आर्मी, डाक्टरी शल्य चिकित्सा (surgery), खेल -कूद आदि में भी अग्रणी होते हैं। अपनी वाक्पटुता से यह लोगों को सहज ही आकर्षित कर लेते हैं। इनको रक्त संबंधी रिश्तों जैसे- चाचा, बुआ, बहन आदि से विशेष सहयोग प्राप्त होता है। यह दुश्मनी, कर्जा, बीमारी, बदला आदि को ज्यादा महत्त्व देते हैं और इनसे सामना करने हेतु अधिक धन इकठ्ठा करते हैं।
जमीनी संपत्ति भी यह लोग खड़ी करते हैं। यह अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखते हैं। यह स्कूल आदि में पुस्तकों से सिखने के बजाय जीवन में कार्य कर के सिखने में अधिक विश्वास करते हैं। यह जवानी के दिनों में कामुक भी बहुत होते हैं, इनके लिए प्रायः प्यार-मुहब्बत करना अक्सर मुसीबत बन जाता है, यह शंकालु भी बहोत होते हैं, यह अपनी पत्नी का लोगों से ज्यादा मिलना जुलना पसंद नहीं करते, इनमे असुरक्षा की भावना भी अधिक होती है।
इन्हें 2, 32 वें वर्ष में कष्ट होता है तथा पूर्णायु 74 वर्ष की होती है।
मंगलवार के दिन जन्म लेने वालों के लिए उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन के स्वामी मंगल होते हैं अतः अपने चहुमुखी कल्याण हेतु मंगल देव के मन्त्रों का जप करना चाहिए तथा संकट मोचन हनुमान जी व भगवान कार्तिकेय की पूजा-आराधना इन्हें करनी चाहिए साथ ही अपने छोटे भाई बहनों का उचित मार्गदर्शन, सहयोग व उनकी सुरक्षा करनी चाहिए। उनके उदंडता पे क्रोधित न होकर छमाशीलता अपनाना चाहिए।
।। इति शुभम् ।।
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