शंखपाल कालसर्प योग और उपाय । shankhpal kalsarp yog
जन्मकुण्डली में जब राहु चौथे भाव में और केतु दशवें भाव में हो इनके बीच सारे ग्रह स्थित हों तो शंखपाल नामक कालसर्प योग बनता है।
जातक को घर, वाहन, माता का अपेक्षित सुख नहीं मिलता । कभी-कभी बेवजह चिंता घेर लेती है तथा विद्या प्राप्ति में भी उसे आंशिक रूप से तकलीफ उठानी पड़ती है। जातक को माता से कोई, न कोई किसी न किसी समय आंशिक रूप में तकलीफ मिलती है।अपने ही विश्वासघात करते हैं। सुख-संवृद्धि तथा चल-अचल संपत्ति संबंधी अनेक परेसानी उठानी पड़ती है। नौकरों की वजह से भी कोई न कोई कष्ट होता ही रहता है। इसमें उन्हें कुछ नुकसान भी उठाना पड़ता है। जातक का वैवाहिक जीवन सामान्य होते हुए भी वह कभी-कभी तनावग्रस्त हो जाता है। चंद्रमा के पीड़ित होने के कारण जातक समय-समय पर मानसिक संतुलन भी खोता रहता है। कार्य के क्षेत्रा में भी अनेक विघ्न आते हैं। पर वे सब विघ्न कालान्तर में स्वत: नष्ट हो जाते हैं। बहुत सारे कामों को एक साथ करने के कारण जातक का कोई भी काम प्राय: पूरा नहीं हो पाता है। इस योग के प्रभाव से जातक का आर्थिक संतुलन बिगड़ जाता है, जिस कारण आर्थिक संकट भी उपस्थित हो जाता है। लेकिन इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी जातक को व्यवसाय, नौकरी तथा राजनीति के क्षेत्रा में बहुत सफलताएं प्राप्त होती हैं एवं उसे सामाजिक पद प्रतिष्ठा भी मिलती है।शंखपाल कालसर्प योग का उपाय
* राहु का मन्त्र जाप करने तथा नागपंचमी का व्रत करने व सर्पों को दूध पिलाने से इस योग के बुरे फलों में कमी आती है।
* शुभ मुहूर्त में मुख्य द्वार पर चांदी का स्वस्तिक एवं दोनों ओर धातु से निर्मित नाग चिपका दें।
* शुभ मुहूर्त में सूखे नारियल के फल को जल में तीन बार प्रवाहित करें।
* 86 शनिवार का व्रत करें और राहु, केतु व शनि के साथ हनुमान की आराधना करें। और हनुमान जी को मंगलवार को चोला चढ़ायें और शनिवार को श्री शनिदेव का तैलाभिषेक करें।
* किसी शुभ मुहूर्त में एकाक्षी नारियल अपने ऊपर से सात बार उतारकर सात बुधवार को बहते जल में प्रवाहित करें।
* सवा महीने जौ के दाने पक्षियों को खिलाएं।
* शुभ मुहूर्त में सर्वतोभद्रमण्डल यंत्रा को पूजित कर धारण करें।
* नित्य प्रति हनुमान चालीसा पढ़ें और रसोईं में बैठकर भोजन करें। हनुमान चालीसा का नित्य 11 पाठ करें।
* सवा महीने तक जौ के दाने पक्षियों को खिलाएं और प्रत्येक शनिवार को चींटियों को शक्कर मिश्रित सत्ताू उनके बिलों पर डालें।
* किसी शुभ मुहूर्त में सूखे नारियल के फल को बहते जल में तीन बार प्रवाहित करें तथा किसी शुभ मुहूर्त में शनिवार के दिन बहते पानी में तीन बार कोयला भी प्रवाहित करें।
* शुभ मुहूर्त में मुख्य द्वार पर चांदी का स्वस्तिक एवं दोनों ओर धातु से निर्मित नाग चिपका दें।
* शुभ मुहूर्त में सूखे नारियल के फल को जल में तीन बार प्रवाहित करें।
* 86 शनिवार का व्रत करें और राहु, केतु व शनि के साथ हनुमान की आराधना करें। और हनुमान जी को मंगलवार को चोला चढ़ायें और शनिवार को श्री शनिदेव का तैलाभिषेक करें।
* किसी शुभ मुहूर्त में एकाक्षी नारियल अपने ऊपर से सात बार उतारकर सात बुधवार को बहते जल में प्रवाहित करें।
* सवा महीने जौ के दाने पक्षियों को खिलाएं।
* शुभ मुहूर्त में सर्वतोभद्रमण्डल यंत्रा को पूजित कर धारण करें।
* नित्य प्रति हनुमान चालीसा पढ़ें और रसोईं में बैठकर भोजन करें। हनुमान चालीसा का नित्य 11 पाठ करें।
* सवा महीने तक जौ के दाने पक्षियों को खिलाएं और प्रत्येक शनिवार को चींटियों को शक्कर मिश्रित सत्ताू उनके बिलों पर डालें।
* किसी शुभ मुहूर्त में सूखे नारियल के फल को बहते जल में तीन बार प्रवाहित करें तथा किसी शुभ मुहूर्त में शनिवार के दिन बहते पानी में तीन बार कोयला भी प्रवाहित करें।
कालसर्प को लेकर पं. उदय प्रकाश शर्मा की अपनी बात
मुझे कुछ पाठकों ने मैसेज में लिखा की गुरु जी यह कालसर्प योग तो होता ही नहीं, इसका किसी शास्त्र में उल्लेख नहीं मिलता तो उन्हें मै इतना ही कहना चाहूँगा कि काफी समय से कालसर्प योग की सत्यता को लेकर गुरुजनों में मतभेद चल रहा है. कोई इसकी सत्यता पर ही सवाल उठा रहा है,कोई इसके पक्ष में खड़ा है.वास्तव में यह सही है की हमारे प्राचीन शास्त्रों में ऐसे किसी योग का उल्लेख नहीं मिलता, किन्तु ऐसे कई तथ्य हैं की जिन चीजों की जानकारी हमें पहले नहीं थी तथा उनकी खोज बाद में हुई, अब आप उन तथ्यों को यह कहकर नकार नहीं सकते की पहले के ग्रंथों में इनका उल्लेख नहीं मिलता, अब जैसे ब्लॉग पहले नहीं होता था, ईमेल पहले नहीं होती थी, लैपटॉप का पहले कहीं जिक्र नहीं मिलता, मगर आज यह मौजूद हैं उसी तरह युग युगांतर से हर विषय में शोध कार्य होता रहता है और जीवन में जो अनुभव में आता है, वह प्रतिपादित भी होता है तो उसे अपने अनुभव की कसौटी पर परखने के बाद हमें स्वीकार्य करना ही पड़ता है।
कहने का तात्पर्य यह है की यदि विद्वान् गुरुजनों ने किसी तथ्य की खोज बाद के काल में की है तो उस पर पूर्ण अध्ययन किये बिना उसे नकार देना हठधर्मिता ही कही जाएगी। कालसर्प योग पर अधिक ध्यान दिया जाना आवश्यक है. कई अवस्थाओं में यह योग कुंडली में मौजूद होते हुए भी निष्क्रिय होता है, कई बार इसके दुष्परिणाम भी दिखाई पड़ते हैं । इसे एकदम से नकार देना भी उचित न होगा।
यदि कालसर्प योग का प्रभाव किसी जातक के लिए अनिष्टकारी हो तो उसे दूर करने के उपाय भी किये जा सकते हैं। हमारे ज्योतिष शास्त्र में ऐसे कई उपायों का उल्लेख है, जिनके माध्यम से हर प्रकार की ग्रह-बाधाएं व पूर्वकृत अशुभ कर्मों का प्रायश्चित किया जा सकता है। यहाँ हम यह कहना चाहेंगे कि अपने जीवन में मिलने वाले सारे अच्छे या बुरे फल अपने निजकृत कर्मो के आधार पर ही है, इसलिए ग्रहों को इसका दोष नहीं देना चाहिए बल्कि अपने शुभ कर्मों को बढ़ाना चाहिये व अशुभ कर्मों में सुधार लाने का प्रयास करना चाहिए तथा इश्वर पे भरोषा कर, हमेशा आशावान रहना चाहिये।
।। इति शुभम् ।।
some of you popular article
वास्तुशास्त्र का जीवन में उद्देश्य
वास्तुपुरुष मंडल
कम्पास से घर की सही दिशा कैसे जाने
फैक्ट्री निर्माण के वास्तु सूत्र
जिओपैथिक स्ट्रेस
वास्तुशास्त्र अनुसार दिशा का ज्ञान
अरोमा वास्तु एवं सुगंध चिकित्सा
घर का वास्तु और हमारे पारिवारिक रिश्ते
वास्तु के अनुसार पढाई का कमरा
घर में नेगेटिव एनर्जी
फैक्ट्री वास्तु
Emf घर में इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएसन से नुकसान
उद्योग व्यापर में वास्तु दोष
वास्तु के अनुसार किस City में रहने से होगा लाभ
कुंडली से वास्तु दोष निवारण
कुंडली के अनुसार घर लेने का योग
किस दिशा में ग्रह बलवान होते हैं
कुंडली मिलान
मंगल दोष प्रभाव व परिहार
कुंडली में शिक्षा के योग
कुंडली में संतान योग
नवग्रह मन्त्र एवं उपाय
आभामंडल क्या है ?
रुद्राक्ष पहनने के फायदे
कौन सा रुद्राक्ष धारण करें
कुंडली अनुसार रत्न धारण
अंक ज्योतिष एवं अंक फल
वृषभ राशी और जीवन का फल
जन्म दिन और स्वभाव
मेष राशी और जीवन का फल
कालसर्प योग के प्रकार
कालसर्प योग के उपाय
नवरात्रि में ज्योतिष उपाय
रत्न विज्ञान ज्योतिष
मेष लग्न के लिए लाभकारी रत्न
कुंडली से आयु का विचार
शनि ग्रह का कुंडली के 12 भावों में फल
महादशा एवं अन्तर्दशा के फल
युग तथा वैदिक धर्म
मूलाधार चक्र एक परिचय
स्वाधिष्ठान चक्र एक परिचय
मणिपुर चक्र एक परिचय
अनाहत चक्र एक परिचय
विशुद्धि चक्र एक परिचय
अजना चक्र एक परिचय
सहस्त्रार चक्र एक परिचय
कम्पास से घर की सही दिशा कैसे जाने
फैक्ट्री निर्माण के वास्तु सूत्र
जिओपैथिक स्ट्रेस
वास्तुशास्त्र अनुसार दिशा का ज्ञान
अरोमा वास्तु एवं सुगंध चिकित्सा
घर का वास्तु और हमारे पारिवारिक रिश्ते
वास्तु के अनुसार पढाई का कमरा
घर में नेगेटिव एनर्जी
फैक्ट्री वास्तु
Emf घर में इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएसन से नुकसान
उद्योग व्यापर में वास्तु दोष
वास्तु के अनुसार किस City में रहने से होगा लाभ
कुंडली से वास्तु दोष निवारण
कुंडली के अनुसार घर लेने का योग
किस दिशा में ग्रह बलवान होते हैं
कुंडली मिलान
मंगल दोष प्रभाव व परिहार
कुंडली में शिक्षा के योग
कुंडली में संतान योग
नवग्रह मन्त्र एवं उपाय
आभामंडल क्या है ?
रुद्राक्ष पहनने के फायदे
कौन सा रुद्राक्ष धारण करें
कुंडली अनुसार रत्न धारण
अंक ज्योतिष एवं अंक फल
वृषभ राशी और जीवन का फल
जन्म दिन और स्वभाव
मेष राशी और जीवन का फल
कालसर्प योग के प्रकार
कालसर्प योग के उपाय
नवरात्रि में ज्योतिष उपाय
रत्न विज्ञान ज्योतिष
मेष लग्न के लिए लाभकारी रत्न
कुंडली से आयु का विचार
शनि ग्रह का कुंडली के 12 भावों में फल
महादशा एवं अन्तर्दशा के फल
युग तथा वैदिक धर्म
मूलाधार चक्र एक परिचय
स्वाधिष्ठान चक्र एक परिचय
मणिपुर चक्र एक परिचय
अनाहत चक्र एक परिचय
विशुद्धि चक्र एक परिचय
अजना चक्र एक परिचय
सहस्त्रार चक्र एक परिचय
सूर्य ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
चन्द्र ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
मंगल ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
बुध ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
वृहस्पति ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
शुक्र ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
शनि ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
राहु ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
केतु ग्रह के संपूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
चन्द्र ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
मंगल ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
बुध ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
वृहस्पति ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
शुक्र ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
शनि ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
राहु ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
केतु ग्रह के संपूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
indian famous astrologer uday praksh sharma
mob. +91 9867909898 / 9821889092
thanks
जवाब देंहटाएंMy DoB: 1986 dec 12
जवाब देंहटाएंTime :7:30 am
Place: Kathmandu , nepal
Sex: male
Guru ki do I have a kaalsharpa yog??
Waiting for your wishes guruji.